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क्रिप्टो ट्रेडिंग की सिंपल लेकिन इफेक्टिव स्ट्रेटजी – सुपर ट्रेंड के साथ
क्रिप्टो ट्रेडिंग की सिंपल लेकिन इफेक्टिव स्ट्रेटजी – सुपर ट्रेंड के साथ
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि क्रिप्टो में ट्रेडिंग कैसे की जाती है, और इसके लिए एक बेहद आसान लेकिन प्रभावी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी भी सीखेंगे। अगर आप ट्रेडिंग में नए हैं, तब भी आप इस स्ट्रेटजी को आसानी से समझ और इस्तेमाल कर सकते हैं।
ट्रेडिंग शुरू करने से पहले ज़रूरी बातें
क्रिप्टो में सफल ट्रेडिंग के लिए सबसे ज़रूरी चीज होती है एक सही ट्रेडिंग स्ट्रेटजी। यह स्ट्रेटजी आपको यह बताती है:
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कहां एंट्री लेनी है?
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कितना रिस्क लेना है और उसका रिवॉर्ड क्या होगा?
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कहां पर प्रॉफिट बुक करना है यानी एग्जिट पॉइंट कहां होगा?
इस ब्लॉग में हम एक ऐसी सिंपल स्ट्रेटजी के बारे में बात करेंगे जो आपको ट्रेंड फॉलोइंग और ट्रेंड रिवर्सल दोनों तरह के ट्रेड्स देती है।
डेल्टा एक्सचेंज इंडिया पर ट्रेडिंग
अगर आप क्रिप्टो ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं तो डेल्टा एक्सचेंज इंडिया एक अच्छा विकल्प है। इसका लिंक (https://www.delta.exchange/?code=LAOZRI) आपको पहले कमेंट में मिलेगा। यदि आप हमारे लिंhttps://www.delta.exchange/?code=LAOZRIक से अकाउंट खोलते हैं, तो:
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आपको ट्रेडिंग फीस पर 10% का डिस्काउंट भी मिलेगा।
सुपर ट्रेंड स्ट्रेटजी – एक ऑल-इन-वन सॉल्यूशन
अब बात करते हैं उस स्ट्रेटजी की जो इस ब्लॉग की खास बात है – सुपर ट्रेंड। यह इंडिकेटर भारतीय शेयर बाजार और क्रिप्टो दोनों में बहुत अच्छा काम करता है। इस ब्लॉग में हम BTC/USD के चार्ट पर इसका उदाहरण लेंगे।
इंडिकेटर कैसे लगाएं?
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डेल्टा एक्सचेंज इंडिया के चार्टिंग टूल में जाएं।
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Indicators पर क्लिक करें और Supertrend सर्च करें।
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डिफॉल्ट सेटिंग (10, 3) ही रहने दें।
अब बात करते हैं दो टाइम फ्रेम्स की:
1. 5 मिनट टाइम फ्रेम – स्कैल्पिंग और क्विक प्रॉफिट के लिए
यह टाइम फ्रेम उन लोगों के लिए है जो छोटे और जल्दी वाले ट्रेड करना चाहते हैं।
2. 30 मिनट टाइम फ्रेम – बड़े मूव्स और ट्रेंड पकड़ने के लिए
यह उन ट्रेडर्स के लिए है जो कम ट्रेड बनाते हैं लेकिन बड़ा प्रॉफिट टारगेट करते हैं।
एंट्री और एग्जिट के नियम
एंट्री:
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ट्रेंडिंग मूव: जब सुपर ट्रेंड का सिग्नल चेंज हो – जैसे रेड से ग्रीन या ग्रीन से रेड – तब तुरंत एंट्री नहीं करनी है।
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दो कैंडल्स का वेट करें। अगर सिग्नल चेंज के बाद उसी दिशा में एक और कैंडल बनती है (confirmation candle), तभी एंट्री करें।
रिवर्सल ट्रेड:
जब मार्केट डिप करता है और सुपर ट्रेंड के सपोर्ट पर एक ग्रीन कैंडल बनती है, तब एक बाउंसबैक ट्रेड लिया जा सकता है।
स्टॉप लॉस (SL):
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अगर आपने बुलिश ट्रेड लिया है और सुपर ट्रेंड रेड में बदल जाए, तो एग्जिट कर लें।
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अगर आपने बेयरिश ट्रेड लिया है और सुपर ट्रेंड ग्रीन में बदल जाए, तो भी एग्जिट कर लें।
उदाहरण – 5 मिनट बनाम 30 मिनट चार्ट
5 मिनट चार्ट पर:
बहुत सारे सिग्नल्स आते हैं (Buy-Sell-Buy-Sell) जिससे overtrading हो सकती है। इसीलिए ध्यान से ट्रेड चुनें। छोटे SL और क्विक टारगेट के साथ काम करें।
30 मिनट चार्ट पर:
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लिमिटेड लेकिन हाई-क्वालिटी ट्रेड्स मिलते हैं।
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बड़े ट्रेंड पकड़ने का मौका मिलता है।
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उदाहरण: एक बार 98,000 पर एंट्री, 125,000 पर एग्जिट – लगभग 4500 पॉइंट्स का मूव।
कन्क्लूज़न – नियमों का पालन जरूरी है
यह सुपर ट्रेंड स्ट्रेटजी सिंपल जरूर है, लेकिन तभी काम करेगी जब आप इसके नियमों का पालन करेंगे:
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सिग्नल के बाद कन्फर्मेशन कैंडल का वेट करें।
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SL और एग्जिट रूल्स का पालन करें।
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बैकटेस्ट जरूर करें – बाकी क्रिप्टो कॉइन्स पर भी स्ट्रेटजी आजमाएं।
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