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ऑप्शन चेन को डिकोड कैसे करें?
ऑप्शन चेन को डिकोड कैसे करें?
आज का हमारा ब्लॉग टॉपिक है – ऑप्शन चेन को डिकोड करना। मैंने कई लोगों को देखा है जिन्हें यह तो समझ आ जाता है कि क्या होता है At the Money, In the Money और Out of the Money कॉन्ट्रैक्ट्स, लेकिन असली कन्फ्यूजन वहां होती है जब यह जानना होता है कि:
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बायिंग हो रही है या सेलिंग?
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और अगर हो रही है तो उसका मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
चलिए इसे एकदम आसान भाषा में समझते हैं।
जब आप कोई ऑप्शन बाय करते हैं, तो उसका प्राइस बढ़ता है। जब आप ऑप्शन सेल करते हैं, तो उसका प्राइस घटता है। लेकिन ध्यान रहे, यह सब कुछ तब असर करता है जब बड़ी क्वांटिटी में ट्रेड हो रहा हो।
कॉल और पुट ऑप्शन्स की भाषा समझें
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कॉल बाय: अगर कॉल ऑप्शन में बायिंग हो रही है और प्रीमियम बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है मार्केट को बुलिश (ऊपर जाने की) उम्मीद है।
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कॉल सेल (या राइटिंग): ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा है, लेकिन प्रीमियम घट रहा है, इसका मतलब है कॉल राइटिंग – यानी मार्केट या तो गिर सकता है या साइडवेज रहेगा, लेकिन ऊपर नहीं जाएगा।
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पुट बाय: पुट ऑप्शन खरीदना यानी यह उम्मीद कि मार्केट गिरेगा। जब पुट प्रीमियम और ओपन इंटरेस्ट दोनों बढ़ें, तो इसका मतलब है कि ट्रेडर मार्केट के गिरने की उम्मीद कर रहे हैं।
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पुट सेल (या पुट राइटिंग): जब ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा हो और प्रीमियम घट रहा हो, तो ट्रेडर मानते हैं कि मार्केट ऊपर जाएगा या साइडवेज रहेगा।
डिकोड करने का बेसिक फॉर्मूला
यहां एक सरल चार्ट है जिससे आप समझ सकते हैं कि मार्केट में क्या हो रहा है:
| OI Change | Premium Change | Interpretation | Expectation |
|---|---|---|---|
| Increase | Increase | Long Build-up | Bullish (Call), Bearish (Put) |
| Increase | Decrease | Short Build-up | Bearish (Call), Bullish (Put) |
| Decrease | Increase | Short Covering | Reversal possibilities |
| Decrease | Decrease | Long Unwinding | Exit of prior trades |
यह नियम कॉल और पुट दोनों पर लागू होते हैं। बस यह ध्यान रखें कि प्रीमियम की दिशा और ओपन इंटरेस्ट की दिशा, दोनों को एक साथ देखना जरूरी है।
प्रैक्टिकल उदाहरण
अगर ऑप्शन चेन में कॉल साइड पर ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा है और प्रीमियम घट रहा है, तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर कॉल ऑप्शन को बेच रहे हैं। यह सिग्नल देता है कि वे या तो गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं या फिर मार्केट के साइडवेज रहने की।
दूसरी ओर, अगर पुट साइड पर ओपन इंटरेस्ट और प्रीमियम दोनों बढ़ रहे हैं, तो यह दर्शाता है कि पुट खरीदे जा रहे हैं – यानी ट्रेडर मार्केट के गिरने की संभावना मान रहे हैं।
निष्कर्ष
ऑप्शन चेन को डिकोड करना शुरू में थोड़ा कठिन लग सकता है, लेकिन एक बार जब आप पैटर्न समझ जाते हैं, तो यह बहुत आसान हो जाता है। यह सबसे बेसिक लेकिन सबसे अहम चीज है जिसे हर ऑप्शन ट्रेडर को समझना चाहिए।
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