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🔍 स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस / 📈 Swing Trading Strategy: Stocks Ready for 10%+ Moves in a Short Period

  🔍 स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस 1️⃣ पिछला रेजिस्टेंस (लेटेस्ट हाई) पहचानें स्टॉक का डेली चार्ट खोलें उस हालिया हाई (Previous High) को पहचानें जहाँ से पहले कीमत नीचे आई थी यही लेवल मजबूत रेजिस्टेंस का काम करता है अगर आपको पिछला हाई पहचानना नहीं आता, तो कमेंट करें — मैं पूरा लॉजिक समझा दूँगा 2️⃣ कन्फर्म ब्रेकआउट का इंतजार करें स्टॉक की क्लोजिंग कीमत पिछले रेजिस्टेंस के ऊपर होनी चाहिए सिर्फ इंट्राडे ब्रेक होना काफी नहीं है डेली क्लोजिंग का रेजिस्टेंस के ऊपर होना जरूरी है 3️⃣ ब्रेकआउट नहीं हुआ? तो इंतजार करें अगर कीमत रेजिस्टेंस के ऊपर क्लोज नहीं देती , तो ट्रेड न लें जल्दबाजी से बचें — धैर्य ही सफल स्विंग ट्रेडिंग की कुंजी है अगले दिन देखें कि ब्रेकआउट कन्फर्म होता है या नहीं 👉 साथ ही उस रेजिस्टेंस लेवल पर Price Alert जरूर लगाएँ , ताकि जैसे ही कीमत उसे क्रॉस करे, आपको नोटिफिकेशन मिल जाए नोटिफिकेशन मिलने के बाद आप मार्केट बंद होने से पहले (लगभग 3 PM के आसपास) सुरक्षित एंट्री प्लान कर सकते हैं 4️⃣ एंट्री कब करें? जब स्टॉ...

एंट्री से ज्यादा इंपॉर्टेंट है एग्जिट! | The Key to Profitable Trading -4

"सबसे इंपॉर्टेंट एग्जिट है! | The Key to Profitable Trading"


Introduction:

नमस्कार दोस्तों! ट्रेडिंग की दुनिया में, सबसे ज़्यादा इंपॉर्टेंट क्या है—एंट्री या फिर एग्जिट? आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि क्यों एग्जिट को एंट्री से कहीं ज्यादा अहमियत दी जानी चाहिए। एंट्री तो हर कोई कहीं न कहीं कर ही लेता है, लेकिन सबसे ज़रूरी चीज़ है एग्जिट, क्योंकि यही तय करता है कि आपका लॉस कितना है और प्रॉफिट कितना मिलेगा।

आइए, जानते हैं कि क्यों एग्जिट पर ध्यान देना जरूरी है और किस तरह से आप इस पर ध्यान देकर अपनी ट्रेडिंग को और भी मुनाफे में बदल सकते हैं।


1. एंट्री और एग्जिट का अंतर:

आपने शायद सुना होगा कि एंट्री का सही टाइम ढूँढना बहुत ज़रूरी है, लेकिन ट्रेडिंग का असली खेल एग्जिट में छुपा है। अगर एग्जिट सही नहीं किया तो, आप बड़े नुकसान में जा सकते हैं। यह मान लीजिए, एंट्री पर आप सही टाइम पर ट्रेड शुरू कर सकते हैं, लेकिन अगर एग्जिट सही नहीं है तो आप प्रॉफिट तो क्या, लॉस में भी जा सकते हैं।

सही एग्जिट यह तय करता है कि आप मार्केट में कितना पैसा बनाते हैं। अगर आपका एग्जिट सही होता है, तो आप बड़ा प्रॉफिट कमाने की स्थिति में होंगे।


2. हाई एक्यूरेट स्ट्रेटेजी:

अगर हम 5 ट्रेड करते हैं और इनमें से 5 बार भी हमारी ट्रेड एक्टिवेट नहीं होती, तब भी यह स्ट्रेटेजी इतनी एक्यूरेट होती है कि जब भी ट्रेड होगा, वह प्रॉफिटेबल ही होगा। इसका मतलब, यहां रिस्क कम और रिवॉर्ड बड़ा होता है।

हमारी स्ट्रेटेजी में स्मॉल स्टॉप लॉस और बिग टारगेट होते हैं। इससे आपको कम रिस्क के साथ बड़े रिवॉर्ड का फायदा मिलता है।


3. क्यों है यह स्ट्रेटेजी इतनी प्रभावी?

यह स्ट्रेटेजी आपको इतना प्रॉफिट दे सकती है कि आप खुद जब ट्रेड करेंगे, तो आपका कॉन्फिडेंस और ज्यादा बढ़ेगा।

आपके लिए एक उदाहरण देता हूं—हमने 23 पॉइंट्स के स्टॉप लॉस पर 73 पॉइंट्स का टारगेट अचीव किया। निफ्टी में 73 पॉइंट्स बड़ा रिवॉर्ड होता है, और अगर आप 1000 क्वांटिटी करते हैं तो 40-50 पॉइंट्स का फायदा आपको ₹40,000 तक हो सकता है।


4. लॉस मैनेजमेंट की अहमियत:

मार्केट में सबसे इंपॉर्टेंट चीज़ लॉस मैनेजमेंट है। मेरा मानना है कि अगर आप लॉस को मैनेज करना सीख गए, तो आप हमेशा मार्केट में पैसा बना सकते हैं।

लोग हमेशा प्रॉफिट के पीछे भागते हैं, लेकिन असल में आपको लॉस को कंट्रोल करना चाहिए। यदि आप लॉस को नियंत्रित कर पाए, तो प्रॉफिट अपने आप आएगा।


5. Big Box Strategy:

अब बात करते हैं एक ऐसी स्ट्रेटेजी की, जिसे मैंने Big Box Strategy नाम दिया है। इस स्ट्रेटेजी को मैंने खास तौर पर आपके लिए तैयार किया है, और इसके लिए हम दो प्रमुख इंडिकेटर्स का उपयोग करेंगे: बंजर बैंड और RSI

जब बंजर बैंड स्विच होते हैं, तो बड़ा मूव आने की संभावना होती है। लेकिन यह मूव कब आएगा, यह जानने के लिए हम RSI का उपयोग करेंगे।

RSI मार्केट की दिशा और ट्रेंड की ताकत को समझने में हमारी मदद करता है।


6. एंट्री और एग्जिट रूल्स:

एंट्री रूल्स:

  1. अगर हमारी कैंडल अपर साइड में क्लोज होती है और RSI 60 के नीचे है, तो अगली कैंडल के हाई को चेक करें। जैसे ही वह हाई कटे, एंट्री करें।

  2. लोअर साइड में कैंडल क्लोज होती है और RSI 40 के ऊपर होता है, तो उस कैंडल के लो के नीचे एंट्री करें।

स्टॉप लॉस और एग्जिट रूल्स:

  • एंट्री के बाद, स्टॉप लॉस उस कैंडल के हाई और लो से तय किया जाएगा।

  • अगर कैंडल का हाई कट जाता है, तो वही स्टॉप लॉस होगा।

  • RSI का कट होने पर हमें एग्जिट का संकेत मिलेगा।


7. रिस्क-टू-रिवॉर्ड रेश्यो:

इस स्ट्रेटेजी में, रिस्क-टू-रिवॉर्ड रेश्यो का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जैसे कि मैंने बताया, हम 21 पॉइंट्स के स्टॉप लॉस पर 73 पॉइंट्स का रिवॉर्ड कैप्चर करते हैं।

इसमें जितना रिस्क है, उतना ही रिवॉर्ड भी है, और यही चीज़ इसे निफ्टी में एक बेहतरीन स्ट्रेटेजी बनाती है। मैंने इसे 5 मिनट के टाइम फ्रेम में टेस्ट किया है, और यह बेहद प्रभावी साबित हुई है।


Conclusion:

तो दोस्तों, आज हमने यह जाना कि ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट क्या है—एंट्री या फिर एग्जिट? अगर आप एग्जिट पर ध्यान देंगे, तो आप लॉस को कम कर सकते हैं और प्रॉफिट को ज्यादा बढ़ा सकते हैं।

अगर आप इस स्ट्रेटेजी को सही से अपनाते हैं और अपनी ट्रेडिंग के दौरान सही एग्जिट रूल्स फॉलो करते हैं, तो आप एक प्रॉफिटेबल ट्रेडर बन सकते हैं।

मार्केट में लॉस मैनेजमेंट और सही एग्जिट आपके सबसे बड़े हथियार हैं, जो आपको निरंतर सफलता दिला सकते हैं।


Outro:

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो, तो कृपया इसे शेयर करें और अपने दोस्तों के साथ भी इसे शेयर करें ताकि वे भी इसका लाभ उठा सकें। अगर आपके कोई सवाल या विचार हैं, तो नीचे कमेंट करें। हम जल्दी ही और भी नए ब्लॉग्स लेकर आएंगे।

Happy Trading!

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